Amrit 2.0
Amrit 2.0: 261 शहरों में लागू होगा 2024
भारत सरकार ने अमृत (अटल मिश्रण रियासत एवं विकास) योजना को अमृत 2.0 के रूप में अपग्रेड करने का एलान किया है। यह योजना भारत के 261 शहरों में लागू होगी और इसके लिए दो साल में कुल 8480 करोड़ रुपये खर्च होंगे।
अमृत 2.0 का उद्देश्य
अमृत 2.0 का मुख्य उद्देश्य शहरी क्षेत्रों के विकास को गति देना है। इस योजना के माध्यम से शहरी क्षेत्रों में जीवन की गुणवत्ता को सुधारा जाएगा और नागरिकों को बेहतर सुविधाएं प्रदान की जाएंगी। यह योजना शहरों के जल, स्वच्छता, पर्यावरण, परिवहन, नगरीय आवास एवं जनसंख्या व्यवस्था को सुधारने पर ध्यान केंद्रित करेगी।
अमृत 2.0 के लक्ष्य
अमृत 2.0 के लक्ष्यों में से कुछ मुख्य हैं:
- शहरों में जल संसाधनों की बेहतर प्रबंधन को सुनिश्चित करना
- स्वच्छता के मानकों को बढ़ाना और शहरों को स्वच्छ बनाना
- पर्यावरणीय संरक्षण को प्राथमिकता देना
- शहरी परिवहन के लिए सुरक्षित और सुविधाजनक यातायात नेटवर्क को सुनिश्चित करना
- अव्यवस्थित नगरीय आवास को नियंत्रित करना और गरीबी के खिलाफ लड़ाई में मदद करना
अमृत 2.0 के प्रमुख घटक
अमृत 2.0 के तहत कई प्रमुख घटक शामिल होंगे। इनमें से कुछ मुख्य घटक निम्नलिखित हैं:
जल संसाधनों का प्रबंधन
अमृत 2.0 के तहत शहरों में जल संसाधनों का बेहतर प्रबंधन किया जाएगा। यह घटक शहरों में पानी की आपूर्ति, संचय और उपयोग को सुनिश्चित करेगा। जल संसाधनों के संग्रह, संचयन, वितरण और उपयोग के लिए नवीनतम तकनीकों का उपयोग किया जाएगा।
स्वच्छता के मानकों का उन्नयन
अमृत 2.0 के तहत शहरों की स्वच्छता के मानकों को उन्नत किया जाएगा। यह घटक शहरों में सार्वजनिक स्वच्छता, वितरण और निगरानी को सुनिश्चित करेगा। सभी शहरों में सार्वजनिक शौचालयों की व्यापकता बढ़ाई जाएगी और शहरों को स्वच्छ बनाने के लिए जनसंचार अभियान चलाए जाएंगे।
पर्यावरणीय संरक्षण
अमृत 2.0 के तहत पर्यावरणीय संरक्षण को महत्व दिया जाएगा। यह घटक शहरों में वनस्पति संरक्षण, वायु प्रदूषण नियंत्रण, ध्वनि प्रदूषण नियंत्रण, और जलमार्गों के प्रदूषण को कम करने पर ध्यान केंद्रित करेगा।
शहरी परिवहन
अमृत 2.0 के तहत शहरी परिवहन को सुरक्षित और सुविधाजनक बनाने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। यह घटक शहरों में सार्वजनिक परिवहन के विकास, ट्रैफिक मैनेजमेंट, और सड़क सुरक्षा को मजबूत करने पर जोर देगा।
नगरीय आवास
अमृत 2.0 के तहत नगरीय आवास को नियंत्रित करने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। यह घटक अव्यवस्थित नगरीय आवास को नियंत्रित करने, नगरीय आवास के विकास को बढ़ाने और गरीबी के खिलाफ लड़ाई में मदद करने पर जोर देगा।
अमृत 2.0 योजना के तहत भारत के 261 शहरों को सुधारने का प्रयास किया जाएगा। इसके लिए सरकार द्वारा दो साल में कुल 8480 करोड़ रुपये खर्च किए जाएंगे। यह योजना शहरी क्षेत्रों के विकास को गति देने और नागरिकों को बेहतर सुविधाएं प्रदान करने का महत्वपूर्ण कदम है।
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