रामखेतारी दुर्गा पूजा 2024 | Ramkhetari Durga Puja 2024

रामखेतारी दुर्गा पूजा 2024 | Ramkhetari Durga Puja 2024

Ramkhetari Durga Puja 2024

आज 19 मार्च  2024 को माँ दुर्गा का माती मंगल हुआ हैं 

All Information Click Here

Other Hindi Newspaper’s

दैनिक जागरण- Click Here

जनसत्ता- Click Here

अमर उजाला- Click Here

राष्ट्रीय सहारा- Click Here

नवभारत टाइम्स- Click Here

राजस्थान पत्रिका- Click Here

प्रभात खबर- Click Here

पंजाब केसरी- Click Here

हरी भूमि- Click Here

दैनिक भास्कर- Click Here

Other English Newspaper’s

Millennium Post – Click Here

Business Line – Click Here

Hindustan Times – Click Here

Times of India – Click Here

Mint Newspaper – Click Here

Free Press Journal – Click Here

Hans India – Click Here

Telegraph Newspaper – Click Here

Economic Times – Click Here

The Pioneer Newspaper – Click Here

Business Standard – Click Here

Ramkhetari Durga Puja

ब्राह्मणों की वंशावली🌇
भविष्य पुराण के अनुसार ब्राह्मणों का इतिहास है की प्राचीन काल में महर्षि कश्यप के पुत्र कण्वय की आर्यावनी नाम की देव कन्या पत्नी हुई। ब्रम्हा की आज्ञा से
दोनों कुरुक्षेत्र वासनी
सरस्वती नदी के तट
पर गये और कण् व चतुर्वेदमय
सूक्तों में सरस्वती देवी की स्तुति करने लगे
एक वर्ष बीत जाने पर वह देवी प्रसन्न हो वहां आयीं और ब्राम्हणो की समृद्धि के लिये उन्हें
वरदान दिया ।
वर के प्रभाव कण्वय के आर्य बुद्धिवाले दस पुत्र हुए जिनका
क्रमानुसार नाम था –
उपाध्याय,
दीक्षित,
पाठक,
शुक्ला,
मिश्रा,
अग्निहोत्री,
दुबे,
तिवारी,
पाण्डेय,
और
चतुर्वेदी ।
इन लोगो का जैसा नाम था वैसा ही गुण। इन लोगो ने नत मस्तक हो सरस्वती देवी को प्रसन्न किया। बारह वर्ष की अवस्था वाले उन लोगो को भक्तवत्सला शारदा देवी ने
अपनी कन्याए प्रदान की।
वे क्रमशः
उपाध्यायी,
दीक्षिता,
पाठकी,
शुक्लिका,
मिश्राणी,
अग्निहोत्रिधी,
द्विवेदिनी,
तिवेदिनी
पाण्ड्यायनी,
और
चतुर्वेदिनी कहलायीं।
फिर उन कन्याआं के भी अपने-अपने पति से सोलह-सोलह पुत्र हुए हैं
वे सब गोत्रकार हुए जिनका नाम –
कष्यप,
भरद्वाज,
विश्वामित्र,
गौतम,
जमदग्रि,
वसिष्ठ,
वत्स,
गौतम,
पराशर,
गर्ग,
अत्रि,
भृगडत्र,
अंगिरा,
श्रंगी,
कात्याय,
और
याज्ञवल्क्य।
इन नामो से सोलह-सोलह पुत्र जाने जाते हैं।
मुख्य 10 प्रकार ब्राम्हणों ये हैं-
(1) तैलंगा,
(2) महार्राष्ट्रा,
(3) गुर्जर,
(4) द्रविड,
(5) कर्णटिका,
यह पांच “द्रविण” कहे जाते हैं, ये विन्ध्यांचल के दक्षिण में पाये जाते हैं|
तथा
विंध्यांचल के उत्तर में पाये जाने वाले या वास करने वाले ब्राम्हण
(1) ऋषिश्वर
(2) कान्यकुब्ज,
(3) गौड़,
(4) मैथिल,
(5) उत्कलये,
(6) सारस्वत
उत्तर के पंच गौड़ कहे जाते हैं।
वैसे ब्राम्हण अनेक हैं जिनका वर्णन आगे लिखा है।
ऐसी संख्या मुख्य 115 की है।
शाखा भेद अनेक हैं । इनके अलावा संकर जाति ब्राम्हण अनेक है ।
यहां मिली जुली उत्तर व दक्षिण के ब्राम्हणों की नामावली 115 की दे रहा हूं।
जो एक से दो और 2 से 5 और 5 से 10 और 10 से 84 भेद हुए हैं,
फिर उत्तर व दक्षिण के ब्राम्हण की संख्या शाखा भेद से 230 के
लगभग है |
तथा और भी शाखा भेद हुए हैं, जो लगभग 300 के करीब ब्राम्हण भेदों की संख्या का लेखा पाया गया है।
उत्तर व दक्षिणी ब्राम्हणां के भेद इस प्रकार है
81 ब्राम्हाणां की 31 शाखा कुल 115 ब्राम्हण संख्या, मुख्य है –
(1) गौड़ ब्राम्हण,
(2)गुजरगौड़ ब्राम्हण (मारवाड,मालवा)
(3) श्री गौड़ ब्राम्हण,
(4) गंगापुत्र गौडत्र ब्राम्हण,
(5) हरियाणा गौड़ ब्राम्हण,
(6) वशिष्ठ गौड़ ब्राम्हण,
(7) शोरथ गौड ब्राम्हण,
(8) दालभ्य गौड़ ब्राम्हण,
(9) सुखसेन गौड़ ब्राम्हण,
(10) भटनागर गौड़ ब्राम्हण,
(11) सूरजध्वज गौड ब्राम्हण(षोभर),
(12) मथुरा के चौबे ब्राम्हण,
(13) वाल्मीकि ब्राम्हण,
(14) रायकवाल ब्राम्हण,
(15) गोमित्र ब्राम्हण,
(16) दायमा ब्राम्हण,
(17) सारस्वत ब्राम्हण,
(18) मैथल ब्राम्हण,
(19) कान्यकुब्ज ब्राम्हण,
(20) उत्कल ब्राम्हण,
(21) सरयुपारी ब्राम्हण,
(22) पराशर ब्राम्हण,
(23) सनोडिया या सनाड्य,
(24)मित्र गौड़ ब्राम्हण,
(25) कपिल ब्राम्हण,
(26) तलाजिये ब्राम्हण,
(27) खेटुवे ब्राम्हण,
(28) नारदी ब्राम्हण,
(29) चन्द्रसर ब्राम्हण,
(30)वलादरे ब्राम्हण,
(31) गयावाल ब्राम्हण,
(32) ओडये ब्राम्हण,
(33) आभीर ब्राम्हण,
(34) पल्लीवास ब्राम्हण,
(35) लेटवास ब्राम्हण,
(36) सोमपुरा ब्राम्हण,
(37) काबोद सिद्धि ब्राम्हण,
(38) नदोर्या ब्राम्हण,
(39) भारती ब्राम्हण,
(40) पुश्करर्णी ब्राम्हण,
(41) गरुड़ गलिया ब्राम्हण,
(42) भार्गव ब्राम्हण,
(43) नार्मदीय ब्राम्हण,
(44) नन्दवाण ब्राम्हण,
(45) मैत्रयणी ब्राम्हण,
(46) अभिल्ल ब्राम्हण,
(47) मध्यान्दिनीय ब्राम्हण,
(48) टोलक ब्राम्हण,
(49) श्रीमाली ब्राम्हण,
(50) पोरवाल बनिये ब्राम्हण,
(51) श्रीमाली वैष्य ब्राम्हण
(52) तांगड़ ब्राम्हण,
(53) सिंध ब्राम्हण,
(54) त्रिवेदी म्होड ब्राम्हण,
(55) इग्यर्शण ब्राम्हण,
(56) धनोजा म्होड ब्राम्हण,
(57) गौभुज ब्राम्हण,
(58) अट्टालजर ब्राम्हण,
(59) मधुकर ब्राम्हण,
(60) मंडलपुरवासी ब्राम्हण,
(61) खड़ायते ब्राम्हण,
(62) बाजरखेड़ा वाल ब्राम्हण,
(63) भीतरखेड़ा वाल ब्राम्हण,
(64) लाढवनिये ब्राम्हण,
(65) झारोला ब्राम्हण,
(66) अंतरदेवी ब्राम्हण,
(67) गालव ब्राम्हण,
(68) गिरनारे ब्राम्हण
सभी ब्राह्मण बंधुओ को मेरा नमस्कार बहुत दुर्लभ जानकारी है जरूर पढ़े। और समाज में शेयर करे हम क्या है
इस तरह ब्राह्मणों की उत्पत्ति और इतिहास के साथ इनका विस्तार अलग अलग राज्यो में हुआ और ये उस राज्य के ब्राह्मण कहलाये।
ब्राह्मण बिना धरती की कल्पना ही नहीं की जा सकती इसलिए ब्राह्मण होने पर गर्व करो और अपने कर्म और धर्म का पालन कर सनातन संस्कृति की रक्षा करें।

*************
नोट:आप सभी बंधुओं से अनुरोध है कि सभी ब्राह्मणों को भेजें और यथासम्भव अपनी वंशावली का प्रसार करने में सहयोग करें।

Ramkhetari Durga Puja

जय माँ दुर्गे🙏🙏अपार हर्षक संग सूचित कय रहल छी जे श्री श्री 108 वासन्ति दुर्गा पूजा समिति रामखेतारी, बनौर के द्वारा 40 वां वर्षीय दुर्गा पूजा महोत्सव ऽक आयोजन दिनांक:-02 अप्रैल 2022 सं 11 अप्रैल 2022 तक

कयल जा रहल अछि.परम श्रधेय श्रीमान देवचन्द्र झा जी एवं हुनक परिवार के द्वारा भव्य मंदिर ऽक निर्माण ताहि नव निर्मित भवन में दुर्गा पूजा ऽक सफल आयोजन ऽक हेतु दुर्गा पूजा समिति के संस्थापक, सचिव परम श्रधेय

श्रीमान कोमल नारायण मिश्र, कोषाध्यक्ष श्री गंगाधर झा जी, सहकोषाध्यक्ष श्री दुर्गानन्द झा जी,के नेतृत्व में दिनांक 20.03.2022 के सम्पूर्ण ग्रामवासी के संग दुर्गा पूजा ऽक विषय पर विस्तृत चर्चा कयल गेल जाहि में सम्पूर्ण

ग्रामवासी के विचारानुसार निर्णय भेल जे पूर्ववत पूजा ऽक आचार्य श्रधेय पं.श्री कीर्ति नारायण चौधरी (गुरुजी) एवं आचार्य पं. सुमन झा जी , एवं अन्य वैदिक ब्राह्मणों के द्वारा देवीभागवत, दुर्गा सप्तशती सम्पुटित पाठ….इत्यादि,

मूर्तिकार एवं टेन्ट, साउंड पूर्ववत रहत. संध्या वेला में मानव के कल्याणार्थ, राष्ट्रऽक अभ्युन्ति, संस्कृति संरक्षण हेतु प्रतिपदा सं महासप्तमी तक ब्रह्मोपासक विशिष्ट विद्वान ब्रह्मचारी जी के मुखारविन्द सं कथामृत सत्संग प्रवचन.षष्ठी

सं महानवमी तक सांस्कृतिक कार्यक्रम ऽक आयोजन, जाहि में तीन राति नाच एवं महानवमी के गायक विजय राठौर म्यूजिकल ग्रूप मुजफ्फरपुर के द्वारा हिन्दी गीत संगीत के कार्यक्रम ऽक आयोजन समिति द्वारा कयल गेल

अछि.. अपने समस्त ग्रामवासी, कार्यकर्ता सं आग्रह, निवेदन जे तन, मन, धन सं समिति के पूर्ण सहयोग करि.संस्था ऽक उत्थान एवं समाज के हित में अप्पन सुझाव प्रेषित करी. परिवार ऽक संग भगवती के पूजा में सम्मिलित भय मानव जीवन के धन्य बनाबी.. जय माता दी🌹🌹🙏🙏🙏🙏🙏🙏