हिरदय को शिक्षित किए बिना मस्तिष्क को शिक्षित करना कोइ शिक्षा नहीं हैं .. – अरस्तू

ये बात सच हैं कि जब तक किसी का मन शिक्षा नहीं प्राप्त कर लेता हैं, तब तक उसका मस्तिष्क, कोयकी मानव के मन में एक बार में हजारों सोच पैदा होता हैं, कहा भी गया हैं कि जब तक मन शुद्ध नहीं होगा, तब तक इसका दिमाग शुद्ध नहीं होगा,