
मुख्यमंत्री प्रतिज्ञा योजना: बालिकाओं के भविष्य की संकल्पना
भारत जैसे विकासशील देश में बालिकाओं की शिक्षा, स्वास्थ्य और सुरक्षा हमेशा एक बड़ी चुनौती रही है। इन समस्याओं को दूर करने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें समय-समय पर विभिन्न योजनाएं लागू करती हैं। इन्हीं में से एक है “मुख्यमंत्री प्रतिज्ञा योजना”, जो विशेष रूप से बालिकाओं के सशक्तिकरण और सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए शुरू की गई है।
—
क्या है मुख्यमंत्री प्रतिज्ञा योजना?
मुख्यमंत्री प्रतिज्ञा योजना एक सामाजिक कल्याणकारी योजना है, जिसे राज्य सरकार द्वारा लड़कियों की शिक्षा, सुरक्षा और स्वावलंबन को बढ़ावा देने के उद्देश्य से लागू किया गया है। इस योजना के अंतर्गत सरकार स्कूली छात्राओं को न केवल आर्थिक सहायता प्रदान करती है, बल्कि समाज में उनके प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण विकसित करने के लिए विभिन्न कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं।
—
मुख्य उद्देश्य
1. बालिकाओं की शिक्षा को प्रोत्साहन देना।
2. कम उम्र में विवाह की प्रथा पर रोक लगाना।
3. महिला सशक्तिकरण को बढ़ावा देना।
4. बालिकाओं के स्वास्थ्य और पोषण की सुरक्षा।
5. लड़कियों को आत्मनिर्भर बनाना।
—
मुख्य विशेषताएं
प्रोत्साहन राशि: योजना के अंतर्गत छात्राओं को कक्षा 9वीं से लेकर 12वीं तक पढ़ाई के लिए वित्तीय सहायता दी जाती है।
साइकल/ड्रेस वितरण: कुछ राज्यों में इस योजना के तहत साइकल, ड्रेस, और किताबें भी मुफ्त दी जाती हैं।
सामाजिक जागरूकता: लड़कियों की शिक्षा और विवाह की सही उम्र के विषय में अभिभावकों और समुदाय को जागरूक किया जाता है।
स्कूल ड्रॉपआउट रोकना: बालिकाओं के बीच ड्रॉपआउट दर को कम करने में यह योजना सहायक है।
—
लाभार्थी कौन हो सकते हैं?
राज्य के सरकारी/मान्यता प्राप्त स्कूलों में पढ़ने वाली छात्राएं।
बालिकाएं जिनकी उम्र तय सीमा में हो।
परिवार की वार्षिक आय एक निश्चित सीमा से कम हो (राज्य अनुसार भिन्नता हो सकती है)।
—
योजना का प्रभाव
मुख्यमंत्री प्रतिज्ञा योजना के कारण स्कूलों में बालिकाओं की उपस्थिति बढ़ी है। कम उम्र में विवाह करने की प्रवृत्ति में कमी आई है। लड़कियां अब शिक्षा के साथ-साथ करियर को लेकर भी जागरूक हो रही हैं।
—
निष्कर्ष
मुख्यमंत्री प्रतिज्ञा योजना न केवल एक सरकारी योजना है, बल्कि यह एक सामाजिक संकल्प है – “हर बेटी पढ़े, बढ़े और सुरक्षित रहे।” यह योजना समाज में लड़कियों के प्रति सोच को बदलने की दिशा में एक मजबूत कदम है। यदि इसे ईमानदारी से लागू किया जाए, तो यह देश के भविष्य को संवारने में एक क्रांतिकारी भूमिका निभा सकती है।