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आज आपको मैं आधुनिक दुनिया के सात अजूबे के बारे में इस पोस्ट में बताने जा रहा हूँ |
तो आइए जानते है vishv ke ajube के बारे में |
विश्व के सात अजुबे ( Seven Wonders of the World ) – 2024
- ताजमहल (The Tajmahal)-vishv ke ajube
- मसीह उध्दारक (Christ the Redeemer)-
- पेट्रा (Petra)-
- चीन की महान दीवार (The Great Wall of China)-
- चीचेन इतजा (Chichen Itna)-
- रोमन कोलोसियम (Roman Colosseum)-
- माचु पिच्चु (Machu Picchu)-vishv ke ajube
(1). THE TAJMAHAL (ताजमहल )
ताजमहल एक विश्व धरोहर मकबरा है | जो भारत के आगरा शहर में स्थित है |
ताजमहल मुग़ल वस्तुकला का उत्कृष्ट नमूना है |
जिसकी वास्तु शैली तुर्की , फारशी, भारतीय , इस्लामिक , वस्तुकलाओ के घटकों का अनोखा सम्मेलन है |
इसका निर्माण मुग़ल सम्राट शाहजहा ने अपनी पत्नी मुमताज़ के याद में बनवाया था |
ताजमहल सर्वत्र प्रशंसा पाने वाली अतिउत्तम मानवीय कृतियों में से एक बताया गया है |
यूनेस्को द्वारा ये विशवधरोहर सन 1983 ई. में बनाया गया था |
इसके निर्माण में 28 प्रकार के पत्थरो का इस्तेमाल किया गया |
साथ ही 20 हजार मजदुरो ने योगदान दिया था |
इस ईमारत को बनाने का कार्य 1630 ई. में शुरू हुयी लेकिन इसे बनाने में 22 वर्ष लग गया |
शाहजहां ने जो ईमारत बनवाया ऐसा कोइ न बनवा सके इनके लिए इन्होने सारे मजदुर के हाथ कटवा दिए
ऐसा कहा जाता है | ताजमहल भारत की शान है | ताजमहल को
शाहजहा ने अपनी पत्नी के याद में बनवाया क्युकी वो अपनी पत्नी से बहुत ज्यादा प्रेम करते थे
इसलिए इसे आजकल के युवा पीढ़ी प्रेम के प्रति मानते है |
(2). Charist The Redeemer ( मसीह उद्वारक )
ईशा मसीह की एक प्रतिमा है जो ब्राजील के रियोडीजेनेरियो में स्थापित है |
यह प्रतिमा 5 मीटर आधार सहित 49.6 मीटर लम्बी और 30 मीटर चौरी है |
यह मान्ककृट और सोप स्टोन से बनी है | इस प्रतिमा का वजन 635 टन है |
इस विशालकाय प्रतिमा बनाने में करिबन 9 वर्ष लग गया जबकि इसका
निर्माण कार्य 1922 में शुरू हुयी थी ये रियो-डीजेरियो शहर के 700मीटर की
उचाई पर तेजुका नेशनल फारेस्ट के ऊँची क्रोवाडो की पहारी की चोटी पर स्थित है |
इनका उद्घाटन 12 OCTOBER 1931 को किया गया | जहां से पूरा शहर दिखायी पड़ती है |
इस प्रतिमा को दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा आर्ट डेको स्टेच्युका माना जाता है |
ब्राजील शहर का यह एक पहचान बन गयी जो ईशाइ धर्म के एक प्रतिक के रूप में है |
3. petra (पेट्रा)
पेट्रा एक एतिहाशिक नगरी अरब के रेगिस्तान में कोने में बसा साऊथ जार्डन में स्थित है |
यह जार्डन के मंथन प्रान्त में स्थित एक ऐसा एतिहाशिक नगरी है |
जो अपने पानी नाली प्रणाली और पत्थर से त्राशी गयी इमारतो के लिए प्रसिद्ध है |
आधुनिक युग में पत्र एक मशहूर पर्यटन स्थल है जिसे छठी शताब्दी ईशा पूर्व में
न्वातियों ने अपनी राजधानी के तौर पर स्थापित किया था |
माना जाता है की पेट्राका निर्माण 1200 ई. पूर्व. के आस – पास शुरू हुआ |
जार्डन में बसे पेट्रा शहर की कला कृति सात अजूबो में शामिल है |
यह एक एतिहाशिक और पुरातात्विक शहर है | एक होर नामक पहारी के ढलान पर पेट्रा बना हुआ है |
और फारो सेघिरी हुयी एक द्रोणी पर स्थित है | इसकी शानदार इंजीनियरिंग उपलब्धियों
और अच्छी तरह से संरक्षित आयाम के कारण पेट्रा को
पुरातात्विक स्थल जुलाई 2007 में यूनेस्को द्वारा दुनिया के सात अजूबो में से चुना गया |
(4) चीन के महान दीवार –
ये दीवार मिटटी और पत्थर से बनी किलेनुमा दीवार है जो चीन में स्थित है |
चीन की यह दीवार 6400 किमी. लम्बी है | जिसे चीन के कई शासको के
द्वारा उतरी हमलावरों से सुरक्षा के लिए 5 वि. शताब्दी ईशा पूर्व से लेकर 16 वि.
शताब्दी तक बनवाया गया | चीन की दीवार की ऊँचाई – 35 फिट और चौराई इतनी है की की इस पर करीब 15 लोग पैदल एक साथ चल सकते है | हालाँकि हाल ही हुए सर्वेक्षण के अनुसार यह दीवार अपनी सभी सखाओ सहित 8,851.8 किमी. तक फैली हुयी है |
यह इतना विशाल है की इसे अन्तरिक्ष से भी देखा जा सकता है |
ऐसा कहा जाता है | की इस महान दीवार के निर्माण परियोजना में लगभग 20 लाख से 30 लाख लोगो ने अपना
जीवन त्याग दिया था | इसका विशालता के कारन 1987 में यह दीवार
विश्व धरोहर सूचि में शामिल किया गया और आधुनिक युग में भी यह
चीन की दीवार सात अजूबो में शामिल है |
(5) चिचेन ईट्जा
मैक्सिको में स्थित यह एक सबसे पुराना पुरातात्विक स्थलों में से एक है |
यह उत्तर शास्त्री से होते हुए अंतिम शास्त्री में और आरंभिक
उत्तर शास्त्री काल के आरंभिक भाग में उत्तर माया के तराई में एक प्रमुख केंद्र था |
चिचेन इट्जा का माया मंदिर 5किमी. में फैली हुयी है जिसकी उचाई 79 फिट है |
यह पिरामिड की आकृति का है | तथा इसके उपर जाने के लिए चारो ओर
सीढियां बनाई गयी है | यह चिचेन इट्जा स्थल वास्तु शैलियों की विविध रूपों का
प्रदर्शन करता है | इसकी हर दिसा में 91
शिधिया है तथा पूरा मिलकर 365 सीढियां है |
(6) रोमन कोलोसियम
यह इटली के रोम नगर के मध्य निर्मित रोमन साम्राज्य का सबसे विशाल एलिप्टिकल एम्फी थियेटर है |
रोमन कोलोसियम का निर्माण
तत्कालीन शासक वेस्पियनने ने 70 वि से 72 वि ई. के मध्य में प्रारंभ किया और 80 वि में
इसको सम्राट टाईटस के द्वारा पूरा किया गया |
यह ओवन सेप की विशाल आकृति है जो कंक्रीट और रेत से बना हुआ है |
इसमे 50 हजार से 80 हजार तक लोग यहां एक साथ बैठ सकते है |
प्राचीन काल में यहां जानवर की लड़ाई , खेल-कूद , संस्कृति कार्यक्रम आदि हुआ करते थे |
आधुनिक युग में यूनेस्को द्वारा इसका चयन विश्व धरोहर के रूप में सात अजूबों में शामिल किया गया है |
(6)रोमन कोलोसियम
अपनी विशालता के कारन इसे दुनिया के सात अजूबों में सामिल किये |